Monday, September 7, 2009

किरण बेदी


डॉ. किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा की प्रथम वरिष्ठ महिला अधिकारी हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी कार्य-कुशलता का परिचय दिया है। वे संयुक्त आयुक्त पुलिस प्रशिक्षण तथा दिल्ली पुलिस स्पेशल आयुक्त (खुफिया) के पद पर कार्य कर चुकी हैं। इस समय वे संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘शांति स्थापना ऑपरेशन’ विभाग में नागरिक पुलिस सलाहकार’ के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें वर्ष 2002 के लिए भारत की ‘सबसे प्रशंसित महिला’ चुना गया। द ट्रिब्यून के पाठकों ने उन्हें ‘वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला’ चुना।

डॉ. बेदी का जन्म सन् 1949 में पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ।

सम्मान एवं पुरस्कार

उनके मानवीय एवं निडर दृष्टिकोण ने पुलिस कार्यप्रणाली एवं जेल सुधारों के लिए अनेक आधुनिक आयाम जुटाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। निःस्वार्थ कर्त्तव्यपरायणता के लिए उन्हें शौर्य पुरस्कार मिलने के अलावा अनेक कार्यों को सारी दुनिया में मान्यता मिली है जिसके परिणामस्वरूप एशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाने वाला रमन मैगसेसे पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया। उनको मिलने वाले अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रृंखला में शामिल हैं - जर्मन फाउंडे्शन का जोसफ ब्यूज पुरस्कार, नार्वे के संगठन इंटशनेशनल ऑर्गेनाजेशन ऑफ गुड टेम्पलर्स का ड्रग प्रिवेंशन एवं कंट्रोल के लिए दिया जाने वाला एशिया रीजन एवार्ड जून 2001 में प्राप्त अमेरीकी मॉरीसन-टॉम निटकॉक पुरस्कार तथा इटली का ‘वूमन ऑफ द इयर 2002’ पुरस्कार।

अन्य उपलब्धियाँ

व्यावसायिक योगदान के अलावा उनके द्वारा दो स्वयं सेवी संस्थाओं की स्थापना तथा पर्यवेक्षण किया जा रहा है। ये संस्स्थाएं हैं- 1988 में स्थापित नव ज्योति एवं 1994 में स्थापित इंडिया विजन फाउंडेशन। ये संस्थाएं रोजना हजारों गरीब बेसहारा बच्चों तक पहुँचकर उन्हें प्राथमिक शिक्षा तथा स्त्रियों को प्रौढ़ शिक्षा उपलब्ध कराती है। ‘नव ज्योति संस्था’ नशामुक्ति के लिए इलाज करने के साथ-साथ झुग्गी बस्तियों, ग्रामीण क्षेत्रों में तथा जेल के अंदर महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और परामर्श भी उपलब्ध कराती है। डॉ. बेदी तथा उनकी संस्थाओं को आज अंतर्राष्ट्रीय पहचान तथा स्वीकार्यता प्राप्त है। नशे की रोकथाम के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ‘सर्ज साटिरोफ मेमोरियल अवार्ड’ इसका ताजा प्रमाण है।
वे एशियाई टेनिस चैंपियन रही हैं। उन्होंने कानून की डिग्री के साथ-साथ ‘ड्रग एब्यूज एण्ड डोमोस्टिक वायलेंस’ विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है। उन्होंने ‘इट्स ऑलवेज पॉसिबल’ तथा दो आत्मकथा ‘आय डेयर’ एवं ‘काइंडली बेटन’ नामक पुस्तक लिखी है। इसके अलावा यथार्थ जीवन पर आधारित वृतांतों का संकलन ‘व्हाट वेंट रोंग’ नाम से किया है। इसके हिन्दी रुपांतर ‘गलती किसकी’ नाम से संकलित है। ये दोनों संकलन, दैनिक राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ एवं ‘नवभारत टाइम्स’ में डॉ. बेदी के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित पाक्षिक स्तभों से संबंधित हैं।

प्रमुख पद

  • दिल्ली ट्राफिक पुलिस चीफ
  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो
  • डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, मिजोरम
  • इंस्पेक्टर जनरल ऑफ प्रिज़न, तिहाड़
  • स्पेशल सेक्रेटेरी टू लेफ्टीलेन्ट गवरनर, दिल्ली
  • इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, चंडीगढ़
  • जाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ट्रेनीग
  • स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस इंटेलिजेन्स
  • यू.एन. सिविलियन पुलिस एड्वाइजर
  • महानिदेशक, होम गार्ड और नागरिक रक्षा
  • महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो

Links


ref : hi.wikipedia.org

1 comment:

  1. मैं किरन बेदी की बहुत बडी प्रशंसक हूँ. इस पोस्ट के लिए आभार.

    ReplyDelete